एक लोजीक तो मैं आज तक समझ नहीं पाया ।
“धीरे धीरे बोलों, दिवालों के भी कान होते है !”
अरे भाई, मान लो की अगर कान होते है । पर जुबान तो नहीं होती न…
साले ने अगर सुन भी लिया तो किसी को बतायेंगा कैसे ??
बचपन से स्मार्ट हूँ, पर कभी घमंड नहीं किया…
😜 😝 😛😜 😝 😛😜
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