1.बिहारी बाबू = अरे ओ डाक्टरवा, कैसा नसबंदी किये हो हमार ? बीबी फिर से माँ बनने वाली है |डाक्टर = हम नसबंदी तुहार किया हूँ, पूरा बिहार का नहीं |
2.एगो आदमी चिड़ियाघर में गईल जहाँ लिखल रहे की तीन भाषा में बोले वाला सुगा। इ हिंदी अंग्रेजी आ भोजपुरी में बोल सकेला।
त अदमिया जांच करे खातिर पुछ्लस की ” तुम कौन हो?”
सुगवा कहलस ” मै तोता हूँ”
फेरु अदमिया पुछ्लस की ” who r u”
सुगवा कहलस ” i m parrot”
फेर अदमिया भोजपुरी में पुछ्लस ” तू के हउव?”
सुगवा कहलस ” तोहरा माई के दुलहा हई. तोहरा बुझात नईखे एके बतिया को बेर-बेर बताएँ।”
3.एक बिहारी एक बार पैजामा पहिन के जा रहा था। एगो अंग्रेज पूछा कि ये देसी पैंट कितने दिन चल जाता है।
उसपे बिहारी जवाब दिया – देखिये पहिले तो एक साल हम पहिनते हैं फेर हमार मेहरारू इसे काट के छोट कर देली त हमार लईकवा एक साल पहिन लेता है । फेर ओके तकिया के खोल बना देली। छ सात महिना बाद इससे पोंछा लगता है ।
अन्ग्रेज् कहा कि अब तो फेंक देते होगे, बिहारी कहा- ना ओकरा बाद ओकरा ले पांच छौ महि
ना जूता साफ़ करीला आ फेर साल भर साईलेंसर रगड़ के साफ़ करीला तब फेकिला।
4.तीन कैदी जेल से भाग निकले. एक मद्रासी एक बंगाली और एक बिहारी. कई मील भागने के बाद उन्हें एक फार्महाउस के गोदाम नज़र आया. उन्होंने वहां के भूसे के कमरे में छिपने की सोची. वहां पहुंचने पर उन्होंने तीन बड़े बोरे देखे तो उन्होंने उसमें छिपने का फैसला किया. करीब एक घण्टे बाद जेल का वार्डन अपने आदमियों के साथ वहां आ पहुंचा. उसने अपने एक आदमी को भूसे के कमरे में खोजने के लिए कहा. वहां पहुंचने पर जेलर ने उससे पूछा कि क्या दिख रहा है. उस आदमी ने चिल्लाकर कहा "केवल तीन बोरे..." जेलर ने उससे कहा कि वो पता करे कि उनमें क्या है. उस आदमी ने पहले बोरे में एक लात मारी जिसमें कि मद्रासी था. वो बोला "भौं भौं..." उस आदमी ने जेलर को बताया कि उसमें एक कुत्ता है. फिर उसने दूसरे बोरे में लात मारी. उसके अन्दर बंगाली बोला "म्याऊं". उस आदमी ने जेलर को बताया कि उसमें बिल्ली है. फिर उसने तीसरे बोरे को एक लात मारी जिसमें बिहारी बन्द था. उसने कोई आवाज़ नहीं की. तब जेलर के आदमी ने फिर से लात मारी मगर फिर कोई आवाज़ नहीं आयी. तब उसने बार-बार मारना शुरू किया. आखिरकार बिहारी बोला "आलू!!"
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