.चाणक्य निति का बहुमूल्य ज्ञान .
.बहुत भले बनकर जीवन नहीं कटा जा सकता भले और सीधे आदमी को हर कोई दबा लेता है उसकी शराफत और ईमानदारी को लोग पागलपन समझते है .
.आँखे प्राणी के लिए सबसे कीमती अंग है इनके अन्दर मस्तिक की निवास होता है ,इसलिए इसकी विसेषता से इंकार नहीं किया जा सकता .
.जैसे डरती खोदने से उसमे से पानी निकलता है वैसे ही गुरु की सेवा करने से विधा प्राप्त होती है .
.यह बात याद रखे की गुरु की सेवा के बिना इंसान कभी अच्छा ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता .
.इस संसार में यदि आप किसी चीज पर विस्वाश करते है तो वह आपका मन है .
Comments
Post a Comment