लड़ाई के बदलते तरीके…!!
1980 – घर से बाहर आ फिर देखता हूँ!
1990 – एक बार मेरे इलाके में आ..अपने इलाके में तो कुत्ता भी शेर होता है!
2000 – फोन पे शेर मत बन..सामना कर तो बताता हूँ ।
2015 – तू फेसबुक पे मिल साले, तेरी वाल पे ऐसे ऐसे कमेन्ट मारूंगा कि अकाउंट ही डिलीट करदेगा
एक टीवी एंकर किसान का इंटरव्यू लेता है!!
एंकर:- आप बकरे को क्या खिलाते हो?
किसान:- काले को या सफ़ेद को?
एंकर:– सफ़ेद को।
किसान:– घांस।
एंकर:- और काले को?
किसान:- उसे भी घांस ही खिलाता हूँ।
एंकर:- इन्हें बांधते किधर हो?
किसान:- किसे काले को या सफ़ेद को?
एंकर:- सफ़ेद को।
किसान:- बाहर के कमरे में।
एंकर:- और काले को?
किसान:- उसे भी बाहर के कमरे में….
एंकर:- और नहलाते कैसे हो ?
किसान:- किसे काले को या सफ़ेद को?
एंकर:- काले को….
किसान:- पानी से।
एंकर:- और सफ़ेद को?
किसान:- उसे भी पानी से।
एंकर गुस्से से:- कमीने जब दोनों के साथ सब एक जैसा करता है तो मुझसे बार-बार क्यूँ पूछता है काला या सफ़ेद?
किसान:- क्युंके सफ़ेद बकरा मेरा है….
एंकर:- और काला?
किसान:– वो भी मेरा ही है।
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