रमेश - यार शादी में जा रहा हु कैसा कोट पह्नु की सब मुझे ही देखे ?
सुरेश - तो तू पेटीकोट पहने ले भाई !
क्या अपने कभी सोचा है की शादी में दूल्हे को घोड़े पर क्यों बैठाते है ?
क्योकि ये उसको आखिरी मौका दिया जाता है 'बेटा भाग सके तो भाग ले '
पिता ( बेटे से ) - देखों बेटे , जुआ नहीं खेलते | यह ऐसी आदत हैं कि यदि इसमें आज जीतोगे तो कल हारोगे , परसों जीतोगे तो उससे अगले दिन हार जाओगे |
बेटा - बस , पिताजी ! मैं समझ गया , आगे से मैं एक दिन छौड़कर खेला करूंगा |
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