एक साधू शमशान में दो चिताओ की राख को बड़े ध्यान से देख रहा था।
एक आदमी ने पूछा : बाबा एसे क्यू देख रहे हो राख को ।
साधू : ये एक अमीर की लाश की राख है जिसने ज़िंदगी भर काजू बादाम खाये
और
ये एक ग़रीब की लाश है जिसे दो वक़्त की रोटी भी बडी मुश्किल से मिलती थी ,
मगर इन दोनों की राख एक सी ही है फिर किस चीज़ पर आदमी को घमंड है वही देख रहा हूं।
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